*My grieved tribite to all innocents (who suffered) children of (HAZRAT E
ADAM (PBUH) AND EVES ) and children of the riders of the associates of ark ofhazrat e Nuh know as MANU (pbuh) in hindu scripture.)***
*एय मेरे रब सही फ़रमाया ....................
*मैं ने मोहन से छुपाया जो इलाही का हुकम ,
ऐय मेरे रब सही फ़रमाया हूँ मैं एक ज़ालिम ।
मैं जो सोहन को न दे पाया बहिश्ती मरहम !
ऐ मेरे रब सही फ़रमाया मैं हूँ एक ज़ालिम !
पहनी पोषक तो लहराया फरंगी परचम !
शेव् करवा क बना शेह्वती महताबी गहन !
बन क हक तलफ मैं पा जाऊं गा जन्नत था भरम !
ऐ मेरे रब सही फ़रमाया मैं हूँ एक ज़ालिम !*
*मुझको जायज़ नहीं मैं सहर कराऊँ धोकन ,
मुझको यह हक नहीं इंसान को जलाऊँ सजा-अन***
*कियूं यह फिर खबर मीली झुलसा हे गरीब बदन!
मैं रहा चुप कियूं मारा धोके से इब्ने आदम , *
*ऐ मेरे रब सही फ़रमाया मैं हूँ एक ज़ालिम !
रचयिता : आरिफ जमाल*