अल्लाह नमशकार , अल्लाह नमशकार
इमान की आदा मैं जायज नहीं दीदार ,
इमान की आदा मैं जायज नहीं दीदार ,
उछछल उछ्छल कर के शैन्तां किर्किरी बजाए ,
शैन्तां किर्किरी बजाए ,
सिन्भल सिन्भल केर के इंसान हक़ के गीत गवे ,
हक़ के गीत गवे ,
एय रब मेरे इलाही , सुन ले मेरी दुहाई ,
तू यकता बे मिसाल है , रहमान व आदिल हे ,
न तू जाना किसी से, न तुझ से कोई पैदा ,
श्रृष्टि का तू रचियता , तुझ सा न कोई शैदा ,
करता हूँ मैं करता हूँ मैं करता हूँ मैं इक़रार ,
आरिफ कि यह गुहार हो जय पुर विकार ,
बोले यह दिल से इन्सान जायज़ नहीं दीदार
अल्लाह नमशकार , अल्लाह नमशकार
इमान की आदा मैं जायज नहीं दीदार ,
इन्सानियत के दिल मैं विश्वास जग जाए ,
फर्रेब ओ झूट ओ लालच , की फ़ैल हों सदाएं ,
शैय्तानियत के झंडे, झुक कर के हों मिस्मार,
अल्लाह नमश्कार, अल्लाह नमश्कार,
नबियों की हो अता-अत, मल्लएका को प्यार,
ज़ात ओ काबील ओ मज़हब, तहज़ीब की अदाएं ,
लाखों खुदा नहीं बस, इक्कम की रट लगायें,,
इन्साफ की बहारें हो जाएं पुर विकार,
अल्लाह नमस्कार, य मौला नमश्कार,फर्रेब ओ झूट ओ लालच , की फ़ैल हों सदाएं ,
शैय्तानियत के झंडे, झुक कर के हों मिस्मार,
अल्लाह नमश्कार, अल्लाह नमश्कार,
नबियों की हो अता-अत, मल्लएका को प्यार,
ज़ात ओ काबील ओ मज़हब, तहज़ीब की अदाएं ,
लाखों खुदा नहीं बस, इक्कम की रट लगायें,,
इन्साफ की बहारें हो जाएं पुर विकार,
अल्लाह नमश्कार, या मौला नमस्कार,
अब हिंद की हकीकत कुछ यूँ निकल के आए,
अब शांति का मज़हब गली कूचों मैं समाये ,
दुन्या मैं पहला हिंदी काबे का था मेमार,
अल्लाह नमश्कार, या मौला नमश्कार,
विश्वास जब है पुख्ता , नहीं दीदार,
अल्लाह नमश्कार, या मौला नमस्कार,
अब हिंद की हकीकत कुछ यूँ निकल के आए,
अब शांति का मज़हब गली कूचों मैं समाये ,
दुन्या मैं पहला हिंदी काबे का था मेमार,
अल्लाह नमश्कार, या मौला नमश्कार,
विश्वास जब है पुख्ता , नहीं दीदार,
अल्लाह नमश्कार, या मौला नमस्कार,
सिख, हिन्दू, खान भाई , ग़म अपने भूल जाएं,
उपवास, दान, शत्संग की गर्म हों हवाएँ,
रिश्वत व घूस खोरी बन जी सोगवार,
अल्लाह नमस्कार, या मौला नमस्कार
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