तोर केर रस्म - ऍ - वफ़ा का सिलसिला गता चला---
ख़ाक दाल आँखों मैं मेरी वो गुमान गता चला--
बैठ केर तद्रिस देता हिकमती तदबीर की---
झूठे दावों की गरज मैं झूमता गता चला ---
फितना-ऍ-हमदर्द के सा-एय मैं जाकर यूं बसा--
नजर-ऍ-खाविंदी से फिर वो दूर सा जाता चला--
सच्चाई के शेहर मैं कानून की अंधी चली---
बादबान इन्साफ का रिश्वत के गुण गता चला,
seedha hone ki sabab sahne pade katne ke war,
baj gaey sare shajar jinka ka tana seedha na tha
मुन्तजिर यादों की अक्सर खवाब मैं आया किया--
kerwa ke sangsar mujhko bhi gumaan bichra na tha,
तुक्रे तुक्रे केर दिये हैं कियों मेरी तस्वीर के--
बे- ज़बान थी इसने ने कुछ भी है-रे माँगा न था--
सुन के मेरे प्यार की रूदाद वोरे भी रो दिया--
मैंने जिसकी आँख को पुरनम कभी देखा न था
ख़ाक दाल आँखों मैं मेरी वो गुमान गता चला--
बैठ केर तद्रिस देता हिकमती तदबीर की---
झूठे दावों की गरज मैं झूमता गता चला ---
फितना-ऍ-हमदर्द के सा-एय मैं जाकर यूं बसा--
नजर-ऍ-खाविंदी से फिर वो दूर सा जाता चला--
सच्चाई के शेहर मैं कानून की अंधी चली---
बादबान इन्साफ का रिश्वत के गुण गता चला,
seedha hone ki sabab sahne pade katne ke war,
baj gaey sare shajar jinka ka tana seedha na tha
मुन्तजिर यादों की अक्सर खवाब मैं आया किया--
kerwa ke sangsar mujhko bhi gumaan bichra na tha,
तुक्रे तुक्रे केर दिये हैं कियों मेरी तस्वीर के--
बे- ज़बान थी इसने ने कुछ भी है-रे माँगा न था--
सुन के मेरे प्यार की रूदाद वोरे भी रो दिया--
मैंने जिसकी आँख को पुरनम कभी देखा न था
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