Wednesday, July 20, 2011

एय मेरे रब सही फ़रमाया ....................

MY THIS URDU NAZM IS BASED ON AN AYAT-E-KAREEMA OF THE HOLY QURAAN WHICHMEANS LIKE SUCH "*THERE IS NO WORSHIPABLY BUT YOU ( O MERCIFULL ALLAH),ALL PRAISE ARE FOR YOU ( MY LORD) AND NO DOUBT WE (HUMAN BEING) ARE AMONGTHE EXPLOITERS."

*My grieved tribite to all innocents (who suffered) children of (HAZRAT E
ADAM (PBUH) AND EVES ) and children of the riders of the associates of ark ofhazrat e Nuh know as MANU (pbuh) in hindu scripture.)***

*एय मेरे रब सही फ़रमाया ....................

*मैं ने मोहन से छुपाया जो इलाही का हुकम ,
ऐय मेरे रब सही फ़रमाया हूँ मैं एक ज़ालिम ।

मैं जो सोहन को न दे पाया बहिश्ती मरहम !
ऐ मेरे रब सही फ़रमाया मैं हूँ एक ज़ालिम !

पहनी पोषक तो लहराया फरंगी परचम !
शेव् करवा क बना शेह्वती महताबी गहन !

बन क हक तलफ मैं पा जाऊं गा जन्नत था भरम !
ऐ मेरे रब सही फ़रमाया मैं हूँ एक ज़ालिम !*

*मुझको जायज़ नहीं मैं सहर कराऊँ धोकन ,
मुझको यह हक नहीं इंसान को जलाऊँ सजा-अन***

*कियूं यह फिर खबर मीली झुलसा हे गरीब बदन!
मैं रहा चुप कियूं मारा धोके से इब्ने आदम , *

*ऐ मेरे रब सही फ़रमाया मैं हूँ एक ज़ालिम !






रचयिता : आरिफ जमाल*